311+ Dikhawa Shayari | दिखावा शायरी हिंदी में (2024)

Dikhawa Shayari : अपनी जिंदगी में हर कोई थोड़ा बहुत दिखावा करता ही है दिखावा के फायदे कम और नुकसान ज्यादा है, इसलिए दिखावे से बचे एक रियल जिन्दगी जीने का प्रयास करे दिखावा करने से हम सच को समझ नही पाते है और झूठ इंसान को गलत राह पर ले जाता है, जिससे इंसान अपनी वास्तविकता को खो देता है और गलत कार्य करने लगता है, उसके द्वारा किए गए कार्य मानवता के लिए खतरा पैदा करते है, इसलिए दोस्तों दिखावे की जिंदगी से दूर होकर सच में जिंदगी को जीना चाहिए।

तो इसलिए दोस्तो आज की पोस्ट में हमने आपके लिए दिखावा शायरी का बेहतरीन कलेक्शन लेकर आए है। इन शायरियो को पढ़िए। इसमें हम आपके साथ Dikhawa shayari for girlfriend साझा कर रहे है। आइए दोस्तों बिना समय गवाएं इन शायरियों को पढ़ना शुरू करते है।

Dikhawa shayari

तेरे झूठे प्यार से हम दूर जाने लगे है
इसीलिए मेरी जिंदगी में बेइंतहा गम आने लगे है..!!!

Dikhawa shayari in hindi

दिखावा करके झूठा प्यार जताते हो
शर्म करो सतत्तर जगह मुंह मारकर
खुद को लॉयल बताते हो..!!

Dikhawa shayari for life

दिखावे का प्यार हम किया नही करते और
सच्ची मोहब्बत में आशिक डरा नही करते..!!!

Dikhawa shayari38

एहतियात बहुत की
मगर राज बयां हो गया
इश्क उनसे जो किया
तो जमाना खफा हो गया.!!

तन्हाई बेहतर है किसी ऐसे शख्स के
जिंदगी में होने से जो शख्स
आपको वक्त ना दे सके..!!

Dikhawa shayari40

दिखावा तो यहां आजकल
हर शख्स करता है
मुझे तो वो चाहिए जो
मेरी सादगी पर मरता है.!!

आओ लौट चले फिर से
अपनी ख्वाबो की दुनिया
में हमे नही रहना इस
दिखावे भरी दुनिया में..!

Dikhawa shayari33

ये सोचकर दिल मेरा
जोर से धड़कता है
जान से प्यारा चांद
किसी और के छत
पर चमकता है..!

तब लफ्जो के मायने बदल जाते है
जब सच आता है सामने
तो झूठ के मायने बदल जाते है..!

ताक पर रखकर अरमानो
को खेल रहे है जज्बातो पर
यह जमाना तंग कस्ता है
एक दूसरे के विचारो पर..!

बिठाकर मतलब की कश्ती
पर मुझे डुबाना चाहते है
मेरे कुछ अपने जो मुझे झूठा
दिलासा देकर गिराना चाहते है..!

Dikhawa shayari in hindi

Dikhawa Shayari in Hindi

पवित्र रिश्ते पर उसने
खुद कलंक लगाया है
छीन के मेरा सब कुछ
मुझे रंक बनाया है..!

दूसरो पर छीटाकशी
और अपना दामन साफ है
दूसरो की गलती महापाप
और अपना अपराध साफ है..!

दिखावटी यह जमाना है
दिखावटी सपने बुनता है
दिखावटी चेहरो पर
दिखावटी मुखड़ा ही खिलता है..!

तुम झूठ कहना हम सच मान लेगे
तुम हमदर्दी का दिखावा करना
हम उसे मोहब्बत समझ लेगे..!

dikhawa pyar shayari

इतना भी दिखावटी
मत बन इंसान की
हकीकत से तू कभी
मिल ही ना सके..!

दिखावा मत करो
खुद के होने का
मुझे पता है तुम जा
चुकी हो मेरे टूटे दिल से..!

इंसान की क्या बात करे
मन मैला और वाणी साफ रखे
इसे क्या ही दौर कहे
जो तानो से अपनी बात कहे..!

इस फरेबी दुनिया के फसाने बहुत है
और आजकल के लोगो के
चेहरे पर मुखोटे बहुत है..!

Sad dikhawa shayari

dikhawa dosti shayari

तुम्हे क्या बताएं अपने
राज-ऐ-गम जनाब
फितरत तो तुम्हारी
भी दिखावे की तरह है..!

अपना वही है जो
अपनो को पास लाए
बाकी सब तो जिंदगी में
फरेब के रिश्ते कहलाए..!

मुझे जरूरत नही है
अब तुम्हारे दिखावे की
मैने तो सच का आइना
कब का देख लिया है..!

दुखो का बाजार
खोल रखा है मैने
कोई मुस्कुराहट दे
दो दिखावे के लिए..!

dikhawa bhari shayari

क्या उम्मीद रखना उन
दिखावटी हमदर्द से
जो दर्द में असली
रंग दिखाया करते है..!

दिखावे का प्यार करने
वाले से अच्छे तो वो लोग हैं
जो मुंह पर सच बोलते हैं
और नफरत दिखाते है..!

इस दिखावे की दुनिया
में मोहब्बत ना दिखा
तेरी फितरत में आज भी
मतलब का खंजर होगा..!

इस फरेबी दुनिया
से हम दूर जा रहे है
जिंदगी की कठिन राहो
पर हम चलते जा रहे है..!

हर कलम की नोक पर
किसी का नाम होता है
मोहब्बत में दिखावटी
चीजो का जाम होता है..!

Dikhawe ka pyar shayari

dikhawa shayari ghalib

मेरा दिल रखने के लिए
तुम छलावा ही कर लेते
प्यार तो तुम करते नही
पर दिखावा ही कर लेते..!

व्यवहार तब तक है जब तक सम्मान है
आप सम्मान करना भूल जाओ हम
आपके व्यवहार को भूल जाएंगे..!

लोग कुछ इस कदर दिखावटी बन जाते हैं
एक कदम मयखाने में रखते है
और दूसरा मंदिर में दिखाते है..!

किरदार सबका दिखावटी
चेहरा हर एक बनावटी
मिजाज धीरे-धीरे सख्त
होने लगा है आओ चले दोस्तो
जाम का वक्त होने लगा है..!

हंसते तो बचपन में मां के साथ थे
जनाब अब तो बंद पिंजरे के पंछी है
सिर्फ दिखावे के लिए हंसते है..!

जब मुसीबतें आती है तो वो
एक कड़वा सच लेकर आती है
सिर्फ अपने साथ में और दिखावे के
रिश्ते भागते नजर आते हैं..!

तनहाई ही बेहतर है
दुनिया के झूठे वादो
और गलत इरादो से
दिल ऊंब सा गया है
अब दिखावटी जज्बातो
और एहसासो से..!

मेरे दिखावटी हुनर देख
कहती वो मुझसे इश्क है
अगर मेरी कमजोरी को
अपना सको तो कहना
मुझे आपकी जरूरत है..!

तलाश जारी है उस इंसान
की जिसने सब कुछ
खोकर खुद को बनाया है
इस दिखावटी दुनिया से
खुद को अब तक बचाया है..!


Final words on Dikhawa shayari


साथियों आज की पोस्ट dikhwa shayari in hindi को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। फ्रेंड्स आपको हमारी यह पोस्ट पढ़कर कैसा लगा आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और इन शायरियों को आप अपने डेली रूटीन का हिस्सा बना सकते है और इन शायरियों को अपने दोस्तों और परिजनों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *