Mirza Ghalib Shayari : साथियो मिर्जा गालिब एक महान शख्सियत है जिसे हर कोई जानता है मिर्जा गालिब एक ऐसा नाम है जो शायद हर चाहने वालों के दिल पर आज भी बसा है इन्हे शायरो की दुनिया का गुलजार भी कहा जाता है इन्होंने अपनी शायरियों से लोगो के दिलो पर बहुत प्रभाव डाला है ग़ालिब साहब ने कई महत्वपूर्ण शायरियां और गजलें लिखी है जिन्हे हिंदी सिनेमा के कई फिल्मों में इनकी गजल और शायरियों का प्रयोग किया गया है।
तो इसलिए दोस्तों आज की पोस्ट में हमने आपके लिए Romantic mirza ghalib shayari साझा कर रहे है। आप इन शायरियों को अपने दोस्तों और चाहने के साथ शेयर कर उन्हें अच्छा महसूस कराएं।
Ghalib shayari
है गालिब लाइफ में ना जाने क्या चल रहा है
जीने की चाह छोड़ कर मौत की ओर बढ़ रहा है..!!!
हज़ारो ख़्वाहिशें ऐसी के हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले..!!
कितना डर होता है शाम के अंधेरो मै
पूछ उन परिंदो से जिनके घर नही होते !
गुजरे हुए लम्हो को एक बार तो मै जी हूं
कुछ दर्द और यादे तेरी इस दिल मै बसी है !
चांदनी रात मै खामोश सितारो से बात होगी
दिल मै कुछ अरमान और आंखो मै चाहत होगी !
जिन रिश्तो में विश्वास ना हो वो रिश्ता खोखला हो जाता है
झूठ और गलतफहमियो से अपनो का साथ छूट जाता है..!!!
तेरे मेरे साथ से अब यह दुनिया जलेगी
तू फिकर ना कर ऐ गालिब
हर पल मेरी दुआएं तेरे साथ चलेगी.!!
इश्क की कैफियत मे डूबी उसकी ये अदा है
उसका हमसफ़र बनना खुदा की रजा है !
वो एहसास वो मेरा पहला प्यार हो तुम
मिर्जा गालिब मेरे गुलजार हो तुम.!!
GAM उसका हो तो #DARD मुझे मिले
दुआएं मेरी हो और खुदा उसे मिले !
Mirza ghalib shayari in hindi
वक्त ने क्यो इनायत कि हमसे
ये दूरी जब मौसम है प्यार का
फिर क्यो है गालिब तेरी मजबूरी..!
गालिब नजम या ग़ज़ल नही
मुझे एक बात लिखनी है
तेरे संग जो गुजारी थी
वो पहली मुलाकात लिखनी..!
सब्र करो गालिब
थोड़ा इश्क को संवरने दो
उन्हे भी एहसास होगा इश्क का
थोड़ा वक्त तो गुजरने दो..!
ख्वाबो से हकीकत तक
साथ चलने वाला हो
एक दोस्त तुम्हारे पास ऐसा हो
जो तुमसे ज्यादा
तुम्हे समझने वाला हो..!
गालिब तेरी शायरियां रट के गया था मै
लगता है वो तुझे भी पसंद नही करती !
जश्न मे मयखाने खुले नही है
आज और हम महबूब से
मोहब्बत का कर्ज लाए थे !
बहुत तलाश किया पर मिला
ना गालिब शायद उसके बाद
कभी इश्क हुआ ना गालिब !
अपनी रूह में
तेरा इश्क कबूल किया है
मैने गालिब अब तेरी
चाहत का इंतजार है..!
Mirza ghalib shayari for love
पढ़ता हूं जब भी कभी तेरी शायरियां
गालिब मेरे दिल को सुकून सा छा जाता है !
निकलता हूं करके तेरे इश्क का दीदार मै तो
आंखो मै तेरी यादो का नशा सा छा जाता है !
अपने दिल मे तेरा इश्क कबूल किया मैने
तेरी चाहत का इंतजार कबूल किया मैने !
वो इश्क ही क्या है जिसमे लड़ाई ना हो
और वो गम ही क्या जिसमे जुदाई ना हो !
मोहब्बत वो नही गालिब जो दुनिया
को दिखाई जाए मोहब्बत तो वह
है जो दिल से निभाया जाए !
हम तो फना हो गए उनकी आंखे
देखकर वो शरमाई हमे देखकर !
चाहत ही इश्क है इश्क ही इबादत है
हम तो दरिया है दरिया ही गालिब है !
जलाने पड़ते है जख्म सांसो की डोर तक
यूं ही कोई गुलजार या ग़ालिब नही होता !
Two line mirza ghalib shayari
मेरा तो सब कुछ तुम लेकर चली गई
मेरा दिल भी अब मेरा नही रहा है !
उनकी नजरो ने हमे दीवाना कर दिया
उनके नखरो ने हमे घायल कर दिया !
तोहफे मे चाहे कुछ भी ना दो
बस ग़ालिब की किताब दे दो
उसमे रखने के लिए एक गुलाब दे दो !
कभी लिख लेता हूं अपने अरमानो को कलम
से क्योकि किस्मत ने हमे गालिब बना दिया है !
चांद ने दिलो को सितारा बना दिया
ए रब तूने उसको इतना प्यारा बना दिया !
गालिब मोहब्बत मै ही पीछे रह गई मै
वरना तजुर्बे मै मुझसे कोई नही जीत सकता !
मोहब्बत मै नही है फ़र्क जीने
और मरने का उसी को देख कर
जीते है जिस फकीर पे दम निकले !
कुछ पल की मोहब्बत अक्सर
जिंदगी भर के लिए जख्म दे जाती है
उसकी यादे हमे बहुत सताती है !
Final words on Ghalib shayari
हमें उम्मीद है कि आपको हमारी आज की ghalib shayari पसंद आई होगी साथियों अगर आपको हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए अच्छी लगी तो आप ही ने सोशल मीडिया साइट पर अपने दोस्तों और मित्रों के साथ अपने दिल की फीलिंग को शेयर कीजिए यदि आप हमे कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट करके दे सकते हैं हम आगे भी इसी तरह की बेहतरीन शायरियां आपके लिए लाते रहेंगे धन्यवाद।