Sharab Shayari [BEST 497+] | शराब शायरी दर्द वाली (2024)

Sharab Shayari : दोस्तों प्यार में धोखा मिलने से बहुत से लोग अंदर से टूट जाते है। वे अपने दर्द को भुलाने के लिए शराब का सहारा लेते हैं। शराब के सेवन से अपने प्यार को भुलाने की कोशिश करते हैं और अपनी प्रेमिका के जगह शराब से प्रेम करने लगते हैं जिसे स्वास्थ्य खराब होता है क्योंकि शराब के सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और शराब इंसान की सोचने और समझने की शक्ति को कमजोर करती है तो आज की पोस्ट में हमने आपके लिए शराब शायरी का संग्रह लेकर आए है इन्हें पढ़िए।

हमें इस पोस्ट में 200 से ऊपर एचडी इमेजेस और यूनिक क्वालिटी कंटेंट का बेहतरीन कलेक्शन तैयार किया है इस पोस्ट में आपके साथ Daru shayari, Sharab attitude shayari साझा कर रहे है। हम गुजारिश करते है कि आप सभी दोस्तों को ये प्यार भरी शायरियां पसंद आएगी तो फिर देर किस बात की है तो आइये दोस्तो बिना वक्त गवाये इन शायरियों को पढ़ना शुरू करते है।

Sharab shayari

एक बेवफा ने हमें इस कदर तोड़ा है कि
उसके गम में हम शराब पीने के आदि हो गए है..!!!

थोड़ी सी पी शराब थोड़ी सी उछाल दी
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी !

ना ज़ख्म भरे ना शराब सहारा हुई ना
वो वापस लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई !

पीने से कर चुका था मै तौबा दोस्तो
बादलो का रंग देख नीयत बदल गई !

Sharab shayari

ए शराब तेरी अमीरी
की हम दाद देते तूने
पल भर में ही मेरे
सारे दुखो को खरीद लिया.!!

जनाब रात हम पिये हुये थे मगर
आपकी आंखें भी शराबी थी
फिर हमारे खराब होने में
आप ही कहिये क्या खराबी थी..!!

Sharab shayari37

वो छूके लबों को
हुस्न-ए-शबाब चाहता है
इश्क में मुसीबत ओर
हाथो में शराब चाहता है.!!

sharab shayari1

जाम-ऐ-इश्क है साहब
गमों का चखना ना मिले
तो कमबख्त मजा नही देता..!

sharab shayari2

आज तक उससे कुछ नही छुपाया
आज गम छुपा लूंगा जाऊंगा
मयखाने में जाम छोड़ो
आज बोतल ही उठा लूंगा..!

sharab shayari3

बेस्वाद आंसुओं को
जाम के साथ गोला है कुछ यूं
मैंने तुझको खुद में उतारा है..!

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एक हाथ में आईना
दूसरे में जाम रखता हूं
जी हां मैं ख्वाब बुलाने
का काम करता हूं..!

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ये जो रोज हर महफिल में
आंखों से जाम पिला रहे हो
इश्क करते हो दी इश्क करते
भी हो या सिर्फ बहका रहे हो..!

sharab shayari6

मुझसे किस बात का
अब तुम इंतकाम लोगे
अरसे बाद मिले हो इश्क
लोगों की जान लोगे..!

Sharab shayari in hindi

sharab shayari

तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है !

sharab shayari in hindi

आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में फ़िराक़
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए !

daru shayari

एक पल में ले गई मेरे सारे ग़म खरीद कर
कितनी अमीर होती है ये बोतल शराब की !

nasha sharab shayari

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो
गई आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई !

sharab shayari 2 lines

यह साकी ने सागर में क्या चीज दे
दी कि तौबा हुई पानी-पानी हमारी !

sharab shayari lines

कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामा
ना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके !

Sharab par shayari

sharab shayari hindi

साक़ी मुझे शराब की तोहमत नही पसंद
मुझ को तिरी निगाह का इल्ज़ाम चाहिए !

ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया !

सब को मारा जिगर के शेरों ने
और जिगर को मारा शराब ने !

पीते थे शराब हम उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर
महफ़िल मे यारो ने पिलाई उसी की कसम देकर !

पहले शराब ज़ीस्त थी अब ज़ीस्त है शराब
कोई पिला रहा है पिए जा रहा हूँ मै !

तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की
तुम आंखो से पिला देते तो पैमान

Shayari on sharab

मैं खुदा का नाम लेकर पी रहा हूँ दोस्तो
ज़हर भी इसमें अगर होगा दवा हो जाएगा !

छलकते होठो से छू के होठो को
उन्होने प्याला बना डाला पास
आयी कुछ वो ऐसे जिन्दगी को
उन्होने मधुशाला बना डाला !

लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं
दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते है !

अगर ग़म मोहब्बत पे हाबी न होता
खुदा की कसम मैं शराबी न होता !

दारू बदनाम कर गई
फ़िक्र मिटाकर आराम लिख गई
दर्द भूला कर मदहोश कर गई !

कैसे छोड़ दूं इसे ये कोई इश्क़ थोड़ी है
नशे में भी संभाल के रखती है
दारू हैं कोई मज़ाक थोड़ी है !

Nasha sharab shayari

छलक जाने दो पैमाने मैखाने भी क्या याद रखेंगे
आया था कोई दिवाना अपनी मोहब्बत को भुलाने !

मुझे जिंदगी तो मस्त जीनी है बस अब
गम भुलाने के लिएमुझे यारों दारू पिनी है

कही सागर लबालब हैं कहीं खाली पियाले है यह
कैसा दौर है साकी यह क्या तकसीम है साकी !

Sharab dard shayari

जिन्दगी है चार दिन की कुछ भी ना गिला कीजिये
दवा दारू इश्क जो मिले मज़ा लीजिये !

हम इंतिज़ार करें हम को इतनी ताब नही
पिला दो तुम हमें पानी अगर शराब नही !

मैकदे बंद करें लाख जमाने वाले
शहर में कम नहीं आँखों से पिलाने वाले !

कहते हैं पीने वाले मर जाते हैं जवानी में
हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखाने में !

ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी-कभी
पीता हूँ रोज़ अब्र शबे-महताब में !

आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए
तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की !

न कर इतना गुरुर अपने नशे पर शराब
तुझ से ज्यादा नशा रखती है आंखे किसी की !

बस एक इतनी वजह है मेरे न पीने की
शराब है वही साक़ी मगर गिलास नही !

एक पल में ले गई मेरे सारे ग़म खरीद कर
कितनी अमीर होती है ये बोतल शराब की !


Final words on Sharab shayari


दोस्तों sharab shayari पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यबाद, आशा करता हुँ, आपको यह पोस्ट बेहद पसंद आयी होगी। दोस्तों इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे। और हमसे जुड़े रहने के लिए हमें FacebookInstagaram और Pinterest पर भी फॉलो कर सकते है।

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